AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात के दौरे पर हैं। केजरीवाल गुजरात जोड़ो सदस्यता अभियान के जरिए नए कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ रहे हैं। बताना होगा कि हाल ही में गुजरात में दो विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए थे और इसमें से एक सीट विसावदर पर पार्टी के नेता गोपाल इटालिया को जीत मिली थी। इस जीत को AAP ने बड़ी कामयाबी बताया था। 

हालांकि इसके तुरंत बाद पार्टी को झटका लगा और उसके विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी को अलविदा कह दिया। गुजरात में 2027 के दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं और पार्टी की कोशिश यहां कांग्रेस की जगह लेने की है। 

AAP ने जीती थी 5 सीटें

2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था और वह 2017 में मिली 99 सीटों के मुकाबले 2022 में सिर्फ 17 सीटों पर आकर सिमट गई थी जबकि AAP ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी और लगभग 13 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। 

विसावदर सीट पर जीत मिलने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि यह 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल था। केजरीवाल ने कहा था, ‘पिछले 30 सालों से गुजरात में बीजेपी इसलिए सत्ता में है क्योंकि लोगों के पास कोई विकल्प नहीं था। कांग्रेस यहां भाजपा की गोद में बैठी थी और कांग्रेस ने सिर्फ गुजरात में बीजेपी को जीतने में मदद की है।’ 

लुधियाना वेस्ट में हार के बाद पंजाब कांग्रेस में खुलकर सामने आई गुटबाजी

AAP संयोजक ने कहा था कि लेकिन अब गुजरात के लोगों के पास एक ईमानदार विकल्प है। उन्होंने कहा था कि गुजरात के लोगों ने AAP को सत्ता में वापस लाने का मन बना लिया है। केजरीवाल ने यह भी कहा कि 2027 के पंजाब विधानसभा चुनाव में AAP की आंधी आएगी और गुजरात में जनता ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को नकारने का संकल्प ले लिया है। 

विधानसभा चुनाव हार गए थे केजरीवाल

AAP के लिए दिल्ली के विधानसभा चुनाव में मिली हार बड़ा झटका थी। ना सिर्फ अरविंद केजरीवाल बल्कि मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज जैसे बड़े चेहरे चुनाव हार गए थे लेकिन अब गुजरात और पंजाब में मिली एक-एक सीट पर जीत के बाद AAP फिर से खुद को एकजुट करने की कोशिश कर रही है।